दर्द की खेती आओ करले हम दोनों
नैनो में बारिश को भर ले हम दोनों
यादों के पौधों को काटें
अपने -अपने हिस्से बाटें
हरी शाख , सिरहाने रखकर
हरी शाख , सिरहाने रखकर
वक्त को कोसे, नींद को डाटें
फूँक मार के चाँद बुझा दे हम दोनों
दर्द की खेती आओ करले हम दोनों
आंसू से सपनो को सींचे
गरम साँस से फसल पकाएं
जिस्म का चूल्हा , दिल की लकड़ी
ताज़ा सा कोई घाव बनायें
नए -पुराने ज़ख्म सिला ले हम दोनों
दर्द की खेती आओ करले हम दोनों